सुबह, दोपहर, सांझ और
रात
इन सबमें मुझे सबसे सुंदर
सांझ लगे
सांझ की बेला में
एक अदृश्य सी बांसुरी बजे
सारे पंछी अपने अपने घरों को
लौटें
दिन भर की थकन से
राहत मिले
धूप में जो तपा बदन उसे
गोधूलि बेला की
मरहम लगाती छाया मिले
एक पेड़ के नीचे बैठ जाओ
पक्षियों का कलरव सुनो
उनके गीत सुनो
उनके आसमान में करतब देखो
सूरज के रंग देखो
आसमान के बदलते रंगों के
साथ
सड़क पर हलचल
लोगों का उत्साह
चेहरों का चमकना
आंखों में खुशी का लहराना
बाजार से सामान खरीदना और
तेज कदमों से अपने घरों की
तरफ जाना
रास्ते में पड़े मंदिर की घंटी
बजाना
भगवान की प्रतिमा के आगे
हाथ जोड़ना
शंखनाद सुनना और
संध्या बेला में
एक दिन और जीवन का ठीक
प्रकार से बीत गया
यह धन्यवाद देना।