वो खुशियां
जो जीवन में अब तक मिली और
फिर नहीं मिली
भूली बिसरी यादों की ही तरह पर
एक अनमोल खजाना थी
अब जो न भी मिलें तो
कोई गम नहीं
इन खुशियों का खजाना
मेरे जीते जी तो
कभी नहीं होगा खाली
चाहे तो मैं जितनी मर्जी
झोली भर भरकर
इन्हें बटोर लूं
मुझे प्यार मिला है इतना
खुशियां मिली हैं इतनी
मान सम्मान मिला है
इतना कि
मैं इन्हें जीवन भर
एक मुट्ठी भर या
एक सागर जितना
इस्तेमाल कर सकती हूं
मैंने अपनों के प्यार से
खुद को इस कदर
संचित किया हुआ है
मैं खुश हूं कितनी कि
चाहे होती रहे
अब गमों की बारिश
मुझपर लेकिन
मेरी खुशियां कहीं से
कम होने वाली नहीं।