विवाह
कभी भी हो
किसी भी उम्र में हो लेकिन
इसका अंत इसके आरंभ की तरह ही
सुखदायी होना चाहिए
जब तक दिल गवाही न दे
समाज के दबाव में आकर लेकिन
कभी कोई गलत कदम न उठायें
किसी के बहकावे में न आयें
कई बार तेजी से किए गये
फैसले
उम्र भर का दर्द दे जाते हैं और
एक नासूर बनकर चुभते हैं
कभी किसी के प्रभाव में न
आयें
विवाह का निर्णय लेना
होता बहुत कठिन है
सही बैठ जाये तो
स्वर्ग सा अहसास और
कहीं बैठ गया गलत तो
जिंदगी नर्क से बदतर होते
देर नहीं लगती
विवाह करने से पहले
वर और वधु पक्ष
लड़का और लड़की
एक दूसरे को थोड़ा बहुत जान ले तो
हमेशा ठीक रहता है
इसके नतीजे होंगे बेहतर
विवाह करें तो
उम्मीद है कि यह रहेगा
जीवनभर टिकाऊ
और शायद चले
जीवन भर
मरते दम तक
प्रेम पूर्वक भी।