मुझे याद है
वह सफेद ढीली ढाली टी-शर्ट जो
मैंने पाई थी
इनाम के तौर पर
राह चलते
सड़क किनारे रुक कर
एक गायन प्रतियोगिता में
प्रतिभागी के तौर पर
शामिल होकर
जब मैंने बिना तैयारी के
एक गीत माइक पकड़ कर
गुनगुनाया था
रोमांस से परिपूर्ण
अंग्रेजी का पर
बॉलीवुड सॉन्ग
सड़क पर चल रही भीड़ को भी
अपने आसपास थोड़ा बहुत
जुटाया था
मेरे गीत की स्वर लहरियों से
मेरे प्रशंसकों का दिल भी
थोड़ा बहुत एक सागर में
उठती गिरती लहरों सा लहराया था
खुश थी मैं कि चलो
मेरे हुनर को राह चलते
अंजान लोग भी सरहाते तो हैं
घर आकर उस सफेद टी-शर्ट को
मैंने बहुत ही करीने से
अपनी अलमारी में
एक हैंगर पर लटकाया था
जैसे सजाता हो किसी कप,
शील्ड या ट्रॉफी को
एक ग्लास की
पारदर्शी स्लाइडिंग अलमारी में
कोई विजेता खुशी जाहिर करता हुआ
खुद पर गर्व करता हुआ
खुद को शाबाशी देता हुआ।