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रौशन ज़िन्दगी: नवीन कुमार भट्ट “नीर” द्वारा रचित कविता

होगी निश्चित जीत,हो रौशन ज़िन्दगी।
रखिए दिल में प्रीत,हो रौशन ज़िन्दगी।।
प्रभु की लीला बड़ी अलौकिक समझे।
मन मोहन है भीत, हो रौशन ज़िन्दगी।।
ये चक्रव्यूह का क्रम चलता है ईश्वर से।
सदियों की यह रीत,हो रौशन ज़िन्दगी।।
श्रद्धा के भावो में ही नित उपकार करें।
पूरा यश समाए हीत,हो रौशन ज़िन्दगी।।
करे प्रार्थना उस ईश्वर का जिसनें भेजा।
सरस सुहावना गीत ,हो रौशन ज़िन्दगी।।
 शुभ दायक हो दिवस तुम्हारा दान करो।
अजब गजब है नीत, हो रौशन ज़िन्दगी।।
कभी प्यार की भाषा में नदियों से बोलो।
महिमा है बड़ी पुनीत,हो रौशन ज़िन्दगी।।
इस जीवन पर  सदा प्रेम की जीत हुई है।
मन वाणी पुंज प्रणीत,हो रौशन ज़िन्दगी।।
प्रभु भक्ति में प्रभुताई ,लीन रहूं जगदीश।
देते रहना हमें आशीष,हो रौशन ज़िन्दगी।।
छल दम्भ से दूर रहे,रखे मान मर्यादा का।
हर क्षण व्यापक ईश, हो रौशन ज़िन्दगी।।