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रोशनी का एक संसार

रोशनी का कई बार

एक संसार तो होता है पर

कुछ पल का

क्षणिक

अगले ही पल डूबता हुआ

एक नई सुबह

एक नये सूरज के साथ

यह उदय होगा या नहीं

यह कहना मुश्किल है

इसे छोड़ा जाये या

यह सुनहरा पल जी लिया जाये

एक चमकीले भविष्य की

उम्मीद किये बिना

यह सफर कश्ती में बैठकर

तय किया जाये

नदी के उस पार जाने के लिए या

इस डर से कि यह नदी

बीच रास्ते में कहीं डूबा देगी तो

सारी उम्र किनारे पर बैठकर ही

काट दी जाये।