रिश्ता
कोई हो और
उसे दिल से निभाया न जाये तो फिर
वह रिश्ता कैसा
रिश्ता तो
एक फूल की तरह
तब खिलता है
महकता है
प्यार बरसाता है
जब बिना कहे उसे
समझा जाये
चलाया जाये
दोनों तरफ से निभाया जाये
लेकिन जब दिल में हो
दूसरे के प्रति
प्यार और अटूट विश्वास तो
सामने वाला कुछ भी कर पाने की
स्थिति में न हो तब भी
उसकी परिस्थितियों का
सही आकलन करके
उसकी यथासंभव मदद की
जानी चाहिए
कोई प्यासा हो तो
उसे पानी देना चाहिए
कोई भूखा हो तो उसे
भोजन
कोई वस्त्रहीन हो तो उसे
तन ढकने को कपड़ा
कोई अंधा हो तो
उसकी आंखों की रोशनी बनो
कोई गूंगा हो तो
उसकी आवाज
कोई बूढ़ा हो, लाचार हो
तो उसका सहारा
कोई सागर में डूबती एक छोटी सी
नैय्या हो तो
उसका किनारा
रिश्ते का अर्थ
हमेशा खुश होकर
जश्न मनाते रहना ही नहीं है
इसका अर्थ है कि
किसी के कहने से पहले ही
उसके दिल की बात समझ लेना
और उसके दिल के दर्द की
दवाई उसे मुफ्त में
बिना मांगे उपलब्ध करा देना
और हर मर्ज की दवा है
प्यार
हर रिश्ते का आधार भी
है सिर्फ प्यार
सच्चा प्यार
दिल से प्यार
पूर्णता भरा प्यार
ढेर सारा प्यार।