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रंगों की सौगात: डॉ. सोनिया गुप्ता द्वारा रचित कविता

फागुन प्यारा आया देखो, रंगों का त्यौहार,
झूमे नाचे गाता जाए, सारा ही संसार।

रंगों की बरसात हुई है, चारों ओर उमंग,
हुलियारे भी मस्त लगें हैं, ढोलक बाजे संग,
होली खेलन को हमजोली, आज हुए तैयार।

कहीं गुलाबी, कहीं है नीला, कहीं रंग है लाल,
रंगों की सौगात निराली, फ़ागुन करे कमाल,
धरणी ने देखो कैसा है, किया मधुर श्रृंगार।

भर पिचकारी कान्हा लाया, लेकर अपने हाथ,
खेल रहा है होली प्यारी, राधा जी के साथ,
खोया प्रेम रंग में खुद ही, जग का पालनहार।

आज होलिका पूजन में सब, करो अहम का दान,
विनय सभी बस करो एक ही, हो सबका कल्यान,
होली की मधुरिम बेला में, हो जग का उद्धार।

धन, वैभव हर आँगन बरसे, दुख हों सारे दूर,
कोई भी लाचार नहीं हो, नहीं रहे मजबूर,
दीप नेह का जले हृदय में, हो सुख की बौछार।