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ये यादें

यादें हमेशा के लिए होती हैं

काश ये यादें मीठी, सुहानी और

लुभावनी हों

कड़वी यादें जो मन में टीस उभारती हों 

दुख देती हों

सिर से पांव तक किसी के

अंग अंग

उसके हर कोने

उसके दिल की हर धड़कन को

व्यथित करती हों

उन्हें तो जड़ से उखाड़कर हमेशा के

लिए अपनी यादों के दर्पण के

उपवन से बाहर फेंक देना चाहिए

ऐसी यादों का दिल के हर

कोने में बसेरा करना चाहिए जो

जब कभी उभर कर आंखों के

समक्ष एक दृश्य सी आयें तो

मन को सुकून से भर दें

उसे राहत पहुंचायें

उसे खुशियों के उपहार दें

उसे यह आभास करायें कि

ऐसे लोगों का कभी उसने साथ

पाया था जो

उसे कितना प्यार करते थे

उसका कितना आदर करते थे

मान सम्मान करते थे

उसके बिना एक पल न रहते थे

उसे कितना अपनापन देते थे

वर्तमान में ऐसी यादें ही

तो देती हैं किसी व्यक्ति को

जीने का सहारा

उसका विश्वास डिगने नहीं देती 

प्रेम जैसे किसी भाव से

वह कभी किसी के लिए कितना महत्वपूर्ण था

ऐसे न जाने कितने अनगिनत

भाव मन में उत्पन्न करती हैं

ये यादें।