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यह मन कैसा होता है

यह मन कैसा होता है

इस पल खुश

अगले पल दुखी

यह भी क्या करे

जैसा देखेगा, वैसा ही तो फिर

सोचने के लिए बाध्य होगा

काश! यह खुश अधिक रहा

करे और दुखी कम हुआ करे

अपने लिए भी यह दुआ करे और

दूसरों के लिए भी

क्या अच्छा हो कि हर किसी के

चेहरे पर मुस्कान ज्यादा और

गम की लकीरें कम

दिखें।