यह जीवन भी
क्या है
एक जलयात्रा ही तो है
सपनों को धरातल की
पृष्ठभूमि नहीं मिलती और
तैरते रहते हैं वह एक जहाज की
तरह ही
पानी की लहरों की चिकनी
फिसलती हुई सी सतह पर
समुद्र के बीच कहीं जहाज
चल रहा हो तो
मंजिल चारों तरफ निगाह
घुमाने पर भी नहीं दिखती
दिखता है तो
एक विशाल आसमान
का शामियाना
जैसे उड़ाना चाहता हो
मेरे सिर पर अपनी चादर
और देना चाहता हो
मुझे संरक्षण
बढ़ा रहा हो अपनी
मदद का हाथ मेरी तरफ
मेरे सपनों को साकार करने के
लिए।