काश
यह मुझे पता होता कि
जिंदगी मौत को चुनती है या मौत जिंदगी को तो
मैं मौत को जिंदगी के रास्ते से हटाकर
मौत को मौत की जहरीली नींद सुलाकर
उसे जिंदगी के रास्ते से हमेशा के लिए
हटा देती
या खुदा
मैं तुमसे नाराज हूं
इस बात को लेकर
पहले तुम जिंदगी किसी को
देते हो
फिर बिना बताये जब तुम्हारे जी में
आता है
उसे उससे छीन लेते हो
जिंदगी किसी को देते हो तो
उसे उस जिंदगी को
जी भरकर
अच्छे से
जब तक वह चाहे जीने तो दो
उसके छोटी सी ख्वाहिश भी
तुम पूरी नहीं कर सकते या
फिर क्या अच्छा हो
तुम यह जिंदगी का तोहफा
किसी को न दो
जिंदगी किसी को मिल भी गई और
जिंदगी मौत के हाथों मारी गई
खत्म हुई
मिट्टी हुई तो
समाज के ठेकेदारों
उस मरे हुए व्यक्ति के साथ
उसे प्यार करने वालों को करना क्या है
यह तो उन्हें निर्धारित करने दो
इस निर्णय को लेने की तो
उन्हें स्वतंत्रता दो
जाओ नहीं देती मैं अपने
प्रियजन की लाश तुम्हें
जलाने के लिए
दफनाने के लिए या
इसके साथ कुछ भी और करने के
लिए
काश मेरे हाथों में यह निर्णय
लेने की ताकत होती कि
मैं जीवन के समाप्त होने पर
अपने दिल के करीब मृत लोगों का
क्या करूं
वह तुम्हारे लिए मुर्दा है लेकिन
मेरे लिए हमेशा जिंदा रहेंगे
जब तक मैं जिंदा हूं
मैं तो उन्हें मिस्र की ममी की तरह ही
अपने साथ सहेजकर रखना चाहूंगी या
इंडोनेशिया की इस तरह की ही
परम्पराओं का पालन करना चाहूंगी
कुछ लोग अपने जीते जी भी
खामोश होते हैं
कम बोलते हैं
यह मृत व्यक्ति भी नहीं बोलेंगे
तो न बोलें पर
मुझे दिखते तो रहेंगे
यह समाज की परंपराएं
मेरी समझ से बाहर हैं
न जीते जी किसी को कोई प्यार
करता है
न मरने के बाद
कुछ पल पहले एक व्यक्ति जिंदा
होता है
परिवार का हिस्सा होता है
साथ मिलकर सबके रह रहा होता है
अगले पल वह व्यक्ति मृत
वह मरा नहीं कि उसे पराया करा
नहीं और
घर से बाहर उठाकर
श्मशान घाट या
कब्रिस्तान आदि का रास्ता
दिखाया गया
गलत है यह सब बेहद गलत
काश मैं इस तरह के अन्याय,
अमानवीय व्यवहार
और अनुचित आचरण पर
अंकुश लगा पाती और
जो नहीं अब जीवित
हैं मृत पर
उन्हें भी पहले की तरह ही
अपने साथ रख पाने की
अपनी दिली ख्वाहिश पूरी कर पाती।