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मैं अचंभित होती हूं

कल की रात

अच्छी कटी

मैं ठीक प्रकार से सो पाई

सुबह उठकर रोजमर्रा के कार्य भी

सही ढंग से आरंभ कर दिये

सूरज भी समय से निकल गया

चांद भी रात को मेरे कमरे की

खिड़की के पास आकर ही

कुछ देर को सही पर ठहर गया

फूल भी खिल रहे हैं

हवा भी चल रही है

पेड़ों के पत्ते भी हवाओं संग झूल

रहे हैं

मौसम कल शाम हुई बारिश के

बाद सुहाना सा है

कोई कहेगा यह सब तो

एक सामान्य बात है

इसमें असामान्य क्या

कोई हो या न हो पर

मैं अचंभित होती हूं

हर रात के बाद

हर सुबह खुद को जीवित

अवस्था में देखकर

पल भर में जीवन बदल जाता है

कुछ लोगों का

हमेशा के लिए

सांस लेता यह जीवन

सामान्य गति से चलना

भी किसी के

आशीर्वाद परिणामस्वरूप एक चमत्कारिक घटना से कम नहीं है।