एक माता पिता का प्यार ही तो
ऐसा है जो
उनके इस दुनिया में न रहने से
उनके बच्चों के दिल से
जुदा होकर कहीं नहीं जाता
जब तक उनके बच्चे जीवित रहते हैं तो
उनके प्यार को कदापि भुलाया नहीं जाता
मेरे पिता तो एक गुणों की खान थे
मोहब्बत की दुकान थे
जिस शहर में रहते थे
उसमें रह रहे हर एक वासी के
दिल की जान थे
वह बोलते थे तो फूलों की बारिश
होती थी
वह मुस्कुराते थे तो रोशनी के अंबारों की एक सेज सजती थी
ऐसा कौन था इस जहां में
जिसकी वह दिल से परवाह नहीं
करते थे
हर किसी को बेइंतहा प्यार,
इज्जत, मान सम्मान आदि
देते थे
जिसे जो चाहिए वह उसे मिलता था उनकी शरण में आया कोई
इंसान आज तक निराश नहीं
लौटा होगा
ऐसा मेरा दावा है
वह खुद की बोली भी भरे बाजार में
लगा दें गर किसी की मदद होती थी करनी
हर किसी का स्वागत करते थे
वह अपनी बाहें फैलाकर
हर किसी को अपने हृदय से
लगाकर रखते थे
हर कोई उनका अपना था
कोई भी पराया नहीं
हर किसी का दुख वह समझते थे
हर किसी के थे वह पालनहार
हर किसी को निराशा से आशा की
तरफ ले जाते थे
मुर्दे में जान डाल देते थे
हर किसी को हौसले की उड़ान देते थे
हर किसी की पीठ थपथपाते थे
हर किसी को इस जीवन को जीने
की कला सिखाते थे
एक साधारण व्यक्ति नहीं थे मेरे
पिता
एक महापुरुष थे
ऐसे महान व्यक्तियों का जन्म
इस संसार में कभी कभार होता है
और अपने लिए वह कुछ नहीं करते
सब कुछ अपना दूसरों पर न्योछावर करके उनकी सेवा,
उनका उद्धार व उनका जीवन
यथासंभव संवारते हैं।