in

मेरे दिल के दरवाजे खुले देखकर

मैं अपने दिल के दरवाजे

जो सदियों से बंद थे

तुम्हारे प्रवेश को बाधित करने के लिए वह खोलती हूं पर

अब शायद बहुत देर हो चुकी

तुम आज की तारीख में अब

मुझ तक शायद ही आओ

मैं भी तुम्हें कहां ढूंढू

तुम्हारे घर का पता भी बदल गया है

यह भी यकीन से नहीं कह सकती कि 

तुम इस दुनिया में हो या नहीं

चलो कोई बात नहीं

जैसे भी हालात हैं

मैं खुद के सिवाय शायद इस

भरी पूरी दुनिया में किसी और को जानती भी नहीं

मुझे पता था, है और मरते दम तक यह अहसास रहेगा कि 

मेरे दिल में सबके लिए असीम प्यार है और

तुम्हारे प्रति तो विशेष तौर पर सबसे अधिक

खुद से भी ज्यादा पर

मुझे इन प्रेम की परिभाषाओं को

किसी के समक्ष साबित नहीं करना मानना है तो मानो

नहीं तो मेरे घर के

मेरी देहरी के

मेरे दिल के दरवाजे

अपने लिए

खुले देखकर

भीतर आना चाहो तो

आ जाओ और

नहीं आना चाहते तो न आओ

मेरी चौखट को छूकर

वापिस लौट जाना चाहते हो तो

तुम्हारी इच्छा

चले जाओ।