कभी आशा
कभी निराशा
इन दो झूलों में झूलता
यह जीवन ऐसे ही कट जायेगा
कभी कुछ पायेगा
कभी कुछ खोयेगा
ऐसे ही कभी हंसते खेलते तो
कभी रोते मुस्कुराते यह जीवन का
सफर कभी तन्हा तो कभी
किसी को साथ लिए कट जायेगा
मेरे कभी इस दुनिया में
न होने पर
यह दुनिया के मेले यूं ही सजते रहेंगे
किसी ने कभी मुझे प्यार किया
होगा तो शायद कभी फुरसत
मिलने पर मेरा नाम ले लेगा
मुझे पुकार लेगा
मुझे याद कर लेगा लेकिन
सच तो यह है कि कोई जीते जी
किसी को नहीं पूछता तो
किसी के मरने के बाद क्या खाक उसे याद करेगा।