मेरे दिल में रहती है
मेरी मां
घर में कहीं नहीं दिखती लेकिन
मेरी आंखों की पलकों की पालकी में बैठी है
मेरी मां
इंसान से भगवान बन गई है मेरी मां
भगवान की तरह ही उसके दर्शन भी
हो गये हैं दुर्लभ किन्तु
इस सृष्टि के कण कण में बसती है मेरी मां
अपनी मां की कोख से मैं जन्मी हूं
उसका ही तो एक जीता जागता अंश हूं मैं
खुद में कहीं न रहकर
अब मेरी देह के हर हिस्से में
मेरे संग रहती है मेरी मां
मेरी मां कहीं नहीं गई
वह रची बसी है मेरी सांसों में
जब जीवित थी तब भी मुंह से
कभी कुछ नहीं बोलती थी
आज भी एक मूरत के समान ही
खामोश है मेरी मां
मेरे आगोश में समाई है मेरी मां
मुझसे एक पल को भी न जुदा है मेरी मां।