मैं कौन हूं
मुझे नहीं पता
इन प्रश्नों के उत्तर कि
मैं कहां से आई,
मुझे फिर जीवन के अंत में
कहां चले जाना है,
मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है,
इस जीवन में कुछ पा भी लिया तो
फिर सब यही छोड़कर
खाली हाथ ही
किसी दूसरी दुनिया की तरफ प्रस्थान
कर जाना है
थोड़ी बहुत जानकारी ही है मुझे
खुद के बारे में कि
मेरा जन्म इस धरती पर
इस तारीख को, इस समय हुआ
मेरे माता-पिता कौन थे
उनके क्या नाम थे
उनका क्या व्यवसाय था
मेरे थोड़े बहुत परिचित
मेरी इस दुनिया के
चलचित्र में एक छोटी सी भूमिका,
जो आंखों से दिख रहा है
मात्र वही समझ आ रहा है
इसके पार कुछ समझ नहीं आता
कोई कितनी भी कोशिश कर ले
कितने भी अपने दावे ठोक ले
इस जीवन की सच्चाई की
व्याख्या करने की लेकिन
सच यही है कि
कोई जीवन से जुड़े तथ्यों को
आज तक भली भांति समझ नहीं
पाया है
खुद को ही जान पाने में
कोई भी आदमी असमर्थ है
वह इस ब्रह्मांड के रहस्यों को
कहां कभी जान पायेगा
यह सब देखा जाये तो
असंभव सा ही एक कार्य
लगता है।