मेरी आस्था का दीपक
देर शाम
अंधेरा होने पर जो जलाया था
अगली सुबह तक जलता रहा
ऐसा लग रहा था कि
यह जैसे बुझना ही नहीं चाहता हो
सुबह के सूरज के प्रकाश में भी
इसका प्रकाश क्षण भर को क्षीण नहीं पड़ रहा था
कमरे के कोने में रखे
इस दीपक का अपना एक महत्व था
इसकी तुलना किसी अन्य प्रकाश से करने का कोई औचित्य नहीं था
यह जैसा था
खुद में श्रेष्ठ था
अपने कार्य को बिना कोई तुलनात्मक अध्ययन करे उत्तम तरीके से
अंजाम दे रहा था।