मेरा संबंध तो तुमसे
प्यार वाला है
दिल में मेरे प्यार भरा है
प्यार देना ही मेरा तो जीवन है
धर्म है, कर्म है
तुम्हारा संबंध मुझसे क्या है
कुछ है या कुछ भी नहीं
प्यार तुम्हें है तो फिर मुझे महसूस
क्यों नहीं होता
ऐसा तो बिल्कुल नहीं है कि
मैं पत्थर की हूं
भावशून्य
कुछ समझती नहीं हूं
जैसे ही मैं इस आखिरी निष्कर्ष पर
पहुंचती हूं कि
तुम्हें मुझसे प्यार नहीं
ऐसा कुछ घटित हो जाता है
मेरे जीवन में अविस्मरणीय कि
मुझे यह लगता है कि
एक तुम ही हो मेरे पालनहार
मुझे प्यार करने करने वाले
मुझे संरक्षण देने वाले
मेरा और तुम्हारा
भगवान जाने कैसा
संबंध है जो न जुड़ता है
न टूटता है
प्यार इसमें है भी और
नहीं भी
संबंधों में तकरार है पर
दरार नहीं
मन में कुछ संकोच है
हिचक है
बेअदबी वाला खुलापन है
कुछ संबंध कोशिश करने पर
हो सकते हैं समय रहते
प्यारे पर
बिना समझदारी
बिना पहल किये
बिना सही आंकलन के
नहीं यह संभव तो
इस विषय में सोचना ही फिजूल है
समय की बर्बादी है
बिना मंजिल का यह रास्ता है तो
अपनी दिशा फिर मोड़ देते हैं
तुम उत्तर की तरफ चलो
मैं चलती हूं दक्षिण की तरफ
तुम पूरब की तरफ तो
मैं पश्चिम की तरफ
बीच में कहीं टकराये तो
संबंधों की दुहाई देते
इन्हें कुछ देर के लिए
निभा लेते हैं।