मैं एक चिकित्सक
मुस्कुराती हुई
सदैव समाज की सेवा के लिए
तत्पर
जिनमें मुख्य रूप से शामिल
मेरे मरीज
मैं तुम्हारी एक मां
एक बहन
एक बेटी
किसी भी रूप में देखो मुझे लेकिन
मुझ पर भरोसा करते हुए
कुछ अच्छा कार्य करते एक व्यक्ति
के रूप में ही देखो मुझे
मुझे अपनी सेवा और
दिन-रात के कार्य के बदले में
तुम सबसे कोई धन्यवाद नहीं
चाहिए
बस थोड़ा सा सहयोग चाहिए कि
मैं भी एक मनुष्य की
देह मात्र हूं
मेरे सीने में भी एक दिल है
जो धड़कता है
हर किसी के थोड़े बहुत
प्यार के लिए तरसता है
मेरी भी एक आत्मा है
जो शुद्ध है, पवित्र है,
एक बच्चे के कोमल मन सी है
मैं तुम्हें जीवनदान
देती हूं
तुम भी मेरा जीवन
सरल और सहज बनाने में
मेरी मदद करो
न कभी मेरे तन पर वार करो
न कभी मेरे मन को घायल करो
न कभी मेरी आत्मा के देवी
स्वरूप के मार मार कर
टुकड़ा टुकड़ा विच्छेदन करो
मुझे जीने दो
मुझे सांसें दो
मेरे आत्मसम्मान को
कभी न ठेस पहुंचाने की कोई
चेष्टा करो
मैं भी एक मनुष्य हूं
शायद कभी कोई गलती कर भी
सकती हूं किंतु
कठिन परिस्थितियों में थोड़ा
धैर्य धरो
मेरी मुस्कान
मेरे जीवन
मेरी सांसों को न मेरी देह से
कभी अलग होने देना
मेरे उपकारों का तुम कभी तो
मुझे जीवनदान देकर सम्मान करो।