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भीड़ का काफिला तो

सबको साथ लेकर चलना है लेकिन 

किसी के साथ भी नहीं चलना

अपने रास्ते और अपनी मंजिल तो 

अकेले ही तय करनी पड़ती है इस जीवन में

इस दुनिया का क्या है

इन बेहिसाब लोगों की भीड़ का काफिला तो

कभी आगे चलता है

कभी पीछे चलता है

कभी साथ चलता है लेकिन

मुसीबत पड़े तो भाग खड़ा होता है 

कोई एक पल के लिए भी

किसी का साथ नहीं निभाता है।