in

बस खुश होते जाना है

खुश होने के लिये

किसी अवसर की तलाश या

कोई मुहूर्त थोड़े ही न निकालना है

खुश होना है तो

बेवजह होना है

छोटी छोटी बातों में बड़ी बड़ी खुशियों को

तलाशना है

दूसरों को खुश देखकर भी

खुश हो जाना है

जिंदगी में कहीं गम हो भरा

दिल में हो दर्द

आंख में आंसू

आत्मा हो बेचैन

मन में उथल पुथल

सब कुछ अस्त व्यस्त

अव्यवस्थित

तहस नहस एक भयंकर आंधी के आने के बाद के

मंजर सा

ऐसे में भी अपने लबों को

थोड़ा सा लंबित करना है

मुस्कुराहट की दिशा में

खींचना है

जबरदस्ती सही पर

मुस्कुराना है

आजकल की घुटन भरे

तनाव के माहौल में कहीं

मुस्कुराना भूल नहीं जाना है

चारों तरफ अपनी नजरें घुमाकर

प्रकृति के सौंदर्य को ही निहारना है

कोई कली चटके

फूल बनकर खिले तो

उस फूल सा ही खिलकर

मुस्कुराना है

कोई तितली फूल पर मंडराये तो

उसे पकड़ने के लिए

उसके पीछे दौड़ना है और

खिलखिलाना है

खुश न होने का कोई तो होगा

कारण

उसे ढूंढना है और जड़ से उसे

मिटाना है

जिन लोगों से मिलकर या

जो कुछ कार्य करके

आप होते हों खुश बस

उसी को करते जाना है और

कोई न मिले अपना सा तो

बस खुद को खुशी से गले लगाकर

खुश होते जाना है।