हम दो
हमारे दो
हम दो फूल
हमारी दो कलियां
यही हमारी एक छोटी सी दुनिया
प्रेम की गली में
प्रीत का उपवन
प्यार के संसार का इस आशियाने में
बसेरा
मोहब्बत भरी एक सुबह का यहां
हर रोज होता एक किलकारी की
गूंज से भरा सवेरा
अपनी दो कलियों को
हवा संग लहराते देख
खिलखिलाते देख
मुस्कुराते देख
हम दो फूल भी खूब खुश
हो लेते
अपनी बाहों के घेरे के झूले में
इन्हें झूलाते
भरपूर खेलते और
सुख की अनुभूति के दरिया से
होकर गुजरते
हमारे घर में
हमारे दिल में
बस मोहब्बत राज करती
इसकी रोशनी ही घर का
कोना-कोना गुलजार करती
एक चिंगारी नफरत की
यहां पल भर न ठहरती
मोहब्बत से हमारा सरोकार
प्रेम भरे दिलों में जो कुछ
ढूंढोगे तो
यहां सिर्फ मोहब्बत ही मिलती।