जब जब मैंने
अपना हाथ बढ़ाकर
गुलाब को तोड़ने की कोशिश करी
वह गुलाब तो हाथ कभी नहीं लगा
हां उसका कांटा हमेशा मुझे चुभा और
उसने मुझे घायल किया
मेरा दिल तोड़ा
मुझे अपमानित किया
प्यार के बदले प्यार
वह भी अपने जैसा प्यार
अपने जैसा फूलों का हार
साज शृंगार
अपने जैसा व्यवहार
अपने जैसा रूप, रंग और
प्यार का संसार
मिलता कहां है
किस्मत वाले होते हैं वह लोग
जिनके घर में
प्यार का सामान रखा होता है
प्यार का उपहार
उन्हें मिलता है
फूलों भरा
एक कोमल स्पर्श सा
बिना दर्द के
बिना किसी शूल की चुभन के
बिना दुख, तकलीफ और
तनाव के
प्यार दर्द भी है और दवा भी
जिसे मिल जाये तो
दवा का काम करे
जो न मिले या
मिलकर भी न मिले तो
दर्द का।