in

पेड़ के नीचे खड़ी होकर

पेड़ के नीचे

खड़ी होकर

मैं सोचूं बस पेड़ के बारे में

इसके पत्तों की हरियाली के बारे में

इसके तने की मजबूती के बारे में

इसकी टहनियों की जालीदार संरचना के बारे में

इसके फूलों की सुंदरता के बारे में

इसके फलों की मिठास के बारे में

इसकी शाखों में बने घोंसले में बसे हुए पक्षियों के बारे में

इसके तनों पर बैठे पशुओं की क्रीड़ाओं के बारे में

हवाओं संग झूलती इसकी लताओं के बारे में

इसकी भूमि में गहरी समाई जड़ों के बारे में

इसकी छाया प्रदान करते रहम-ओ-करम के बारे में

इसके गुणों के बारे में

इसकी स्थिरता के बारे में

जीवित होने के बावजूद इसकी खामोशी के बारे में

इसकी आसमान के नीले रंगों को स्पर्श करती ऊंचाई के बारे में

इसके दृढ़ संकल्पों के बारे में

जो लाख विपत्ति आये पर जीवन भर कभी

बदलते नहीं।