in

परेशान मन

कई बार

मन बेवजह परेशान हो जाता है

बच्चे सी जिद करता है

मनमानी करने पर उतर आता है

कुछ समय पश्चात

फिर आहिस्ता आहिस्ता

अपनी वही पुरानी स्थिति में

लौट आता है

ऐसा लगता है कि

जैसे कुछ हुआ ही नहीं था

जो कुछ हुआ

सब आंखों का धोखा था।