नीला आसमान
सफेद बर्फ की चादर में
लिपटा हुआ
जब एक अदद शायरा की
शायरी सुनने के लिए
जमीन पर उतरता है तो
आसमान से
बारिश के पानी की
बूंदों की नहीं बल्कि
शबनमी ओस में भीगे
चंदन की खुशबू से सुगंधित
फूल और कलियों की
दरख़्तों के
रेशमी हरे धागों के जाल से
आहिस्ता आहिस्ता,
कतरा कतरा,
बूंद बूंद छनकर
दिल से रूह तक का
सफर तय करते हुए
बरसात होती है।