नीला आसमान
आज सुबह से ही मुझे
सूरज की रोशनी में नहाया
चांदी की तरह
चमकता दिख रहा है
इसके पीछे क्या कारण है
कहीं जाने की तैयारी तो नहीं या
कोई खुशी का मौका
तुम खुश हो या
आज मैं हूं खुश
दोनों के खुशियों के रंग आज
कुछ मिलते हुए से लग रहे हैं
तुम चांदी से चमक रहे हो तो
मैं भी तुम्हारे ही रंग का नीला परिधान
पहनकर तुम जैसी बनने की
चलो कोशिश कर लेती हूं
चांदी के नहीं सोने के जेवर
पहनती हूं और
तुम्हारी तरह ही थोड़ी थोड़ी इस
जमीन पर तुम्हें निहारती हुई
चमकती हूं
तुम जैसी विशालता मैं कहां से लाऊं
तुम जैसा ठहराव मैं कहां से पाऊं
तुम जैसे रंगों का प्यार लुटाता सावन मैं कहां से
बरसाऊं
मैं जमीन पर चलती रहती हूं
तुम्हें कहीं किसी जगह खड़ी होकर जो
देखती हूं
तुम जैसे थे वैसे ही दिखते हो
तुम कितने फैले हुए हो
मैं तुम्हें पकड़ नहीं पाती हूं
तुम तक मेरी पहुंच तो नहीं लेकिन
तुम जैसा बनने की मेरी लगातार
कोशिश में तुम हमेशा मेरा साथ देना
मुझे आशीर्वाद देना
उसमें कभी विघ्न मत डालना।