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दिल से आभार

अब तक जो मुझे

जिन्दगी मिली है

जैसी भी मिली है

किसी की बदौलत ही मिली है

मेरी जो सांसें चल रही हैं

मेरे जीवन की जो राहें

मंजिल की तरफ मुझे साथ लिए

आगे बढ़ रही हैं

वह जो किसी पड़ाव पर ठहर रही हैं

किसी मोड़ से गुजरकर आगे की

तरफ मुड़कर चल रही हैं

यह सब कोई कुदरत का

करिश्मा है

मुझसे जुड़े लोगों का

मेरे प्रति प्रेम, सहयोग,

प्रोत्साहन, त्याग और

उदार होना है

मैं दिल से सबसे पहले

प्रभु की आभारी हूं

इसके पश्चात अपने मां बाप की तथा

अंत में अपने शुभचिंतकों की

मैं अपने दोस्तों का,

रिश्तेदारों का, जानकारों का,

पड़ोसियों का, राह चलते हर

किसी जाने अंजाने राहगीरों का

सबका हृदय की गहराइयों से

आभार प्रकट करती हूं

यह सब मेरे मार्गदर्शक न बनें तो

मेरी छोटी सी नैया का इस

संसार रूपी भवसागर को पार करना

एक असंभव कार्य है

मैं हर किसी को बिना किसी

भेदभाव के

समान रूप से प्रेम करती हूं

मैं बदले में भी प्रेम को ही

पाती हूं

यह सच है

यकीन मानिये

यह प्रेम रूपी गंगा बहती रहे

यह जीवन एक नदी सा ही बहता रहे

मेरे जीवन को स्थायित्व प्रदान करने और

उसे संतुलित कर एक सही दिशा

प्रदान करने के लिए मैं सबका

तहे दिल से आभार व्यक्त करती हूं।