हर व्यक्ति में
दूसरों के प्रति दया भाव नहीं होता लेकिन कहीं यह गुण
आप में विद्यमान है तो
एक बात गांठ बांध ले
दूसरों पर दया का टोकरा लुटाने से
पहले
अपने ऊपर भी थोड़ी सी
दया दृष्टि डाल लें
कहने का तात्पर्य यह है कि
मानव सेवा के चलते
कहीं यह न हो कि
आप खुद का ख्याल रखना
छोड़ दें
सर्वप्रथम हर तरह से या
जितना संभव हो सके
खुद को मजबूत करें
तत्पश्चात ही अन्य की
सहायता करना आरंभ करें
इस संसार में विद्यमान
हर प्राणी के प्रति दया का भाव
रखें
एक प्रभु के समान ही हर किसी की यथासंभव सेवा करें किंतु
अपना अहित कदापि न करें
जो भी करें दिल से करें
किसी की होड़ में या
किसी के प्रभाव में या
किसी की नजरों में चढ़ने के लिए
कभी एक आडंबर का मेला तो
न सजायें।