in

जो कुछ जीवन में छूट गया

यह होली के सब रंग

तुम्हें हो मुबारक

मैं कब कहती हूं कि

मुझे किसी की खुशी रास नहीं आती

यह चारों तरफ फैले रंग और खुशी

मन में उल्लास की एक लहर तो अवश्य दौड़ा जाती है लेकिन

जो कुछ जीवन में छूट गया

मेरे लिए तो सबसे महत्वपूर्ण वही था

इस जीवन के होने की भी अपनी महत्ता है

लेकिन वह बीते हुए सुनहरे पल,

अतीत के पन्नों पर

चमकीले अक्षरों से लिखी

कहानियां,

वह लोग

कोई मुझे बताये

कहां से वापस लाऊं

मैं।