जीवन
कुछ भाग्यशाली लोगों के लिए होता है
रंगीन तो
कुछ बदकिस्मत लोगों के लिए होता है
रंगहीन और
कई बार तो दुख की चादर
इनके सिरों पर
काले बादलों के सायों के कहर सी
इस कदर मंडराती है कि
सुख की एक किरण की झलक
पाने के लिए
इनकी आंखें तरस जाती हैं
अच्छे लोग भाग्यशाली
अक्सर कम होते हैं
ऐसा होना तो नहीं चाहिए पर
ऐसा होता है
ऐसा क्यों होता है
इस बारे में कुछ कहा नहीं
जा सकता
यह जीवन तो एक पहेली है
जिसे आज तक
बड़े से बड़ा महापुरुष सुलझा
नहीं पाया
रंग हों ही नहीं
किसी के जीवन के
कैनवास पर तो
फिर वह कहां से रंग लाये और
कौन से रंग उसमें भरे
यह तो उसे भी
जीवन गुजर जाता होगा पर
वह इस समस्या का समाधान
ढूंढ नहीं पाता होगा
आंखें होकर भी
वह तो एक अंधे के ही समान है जो
जीवन के रंगों को न देख
पाता है और
न ही उन्हें कभी महसूस ही कर
पाता है
कई लोग
सच में
इतने किस्मत के मारे होते हैं कि
कानों से जो सुनते हैं
किसी को कहते हुए कि
देखो आसमान में
सात रंगों से सजा
एक पूरे आकार का
कमान सी तानता
एक इन्द्रधनुष उगा है
वह अभागा
कुदरत के रंगों को
देखने के लिए भी जो
अपने कच्चे मिट्टी से बने घर के
बाहर की तरफ जो दौड़ता है तो
घर की चौखट पर
एक कदम बाहर
दूसरा कदम अंदर
रह जाता है
बिना किसी कारण
यहां भी उसकी बदकिस्मती
उसका पीछा नहीं छोड़ती
उसका अपना घर ही
गिर जाता है और
वह उसके नीचे दबकर
मर जाता है
मरने से पहले भी
वह एक भी रंग
पहला या आखिरी
अपनी बंद हो रही आंखों से भी
नहीं देख पाता है।