जीवन की पाठशाला में
एक बार जो दाखिला ले लिया तो
मरते दम तक
इससे प्राप्त ज्ञान के
पाठ्यक्रम का कभी अंत नहीं होता
जीवन नित दिन
एक नया सबक सिखाता है
जीवन की यात्रा में
कोई पड़ाव ऐसा नहीं आता
जहां पहुंचकर कोई यह दावा
ठोक सके कि
वह जीवन को पूर्ण रूप से
जान चुका और
इसके सारे अनुभव प्राप्त
कर चुका
कोई भी मनुष्य चाहे
वह कितना ही महान
क्यों न हो
जीवन के अनुभवों के
समक्ष बौना है
जीवन हर पल एक
नया पाठ पढ़ाने के लिए
तत्पर रहता है और
न चाहने पर भी
वह सबक सीखना पड़ता है
कंठस्थ करना पड़ता है और
उसे जीवन में प्रतिपादित करके
आगे बढ़ना होता है।