जीत होगी या
होगी हार
यह कोई खास बात
नहीं है लेकिन
यह जरूरी है और
खास भी कि
किसी भी कार्य को
एक दृढ़ निश्चय और
संकल्प के साथ शुरू किया जाये और
उसे प्रतिपादित और
पूर्ण करने में
अपनी सारी इच्छाशक्ति एवं ताकत झोंकते हुए
अपना अधिकतम योगदान
देते हुए
खुद को श्रेष्ठतम साबित करने का
प्रयास तो
निश्चित तौर पर करना ही चाहिये।