in

जिन्दगी की कशमकश से

खामोश हूं

परेशान हूं

जिन्दगी की कशमकश भरी उलझनों से

हैरान हूं

दिल तोड़ रही है अब तो

उसकी हर बात

दिन की रोशनी भी अंधकारमय लग रही

है

रात का अंधेरा तो फिर अंधेरा

ही है।