यह जीवन का सफर है
एक गोलाकार घेरे सा
जहां से शुरू होता है
देर सवेर फिर वही लाकर
खड़ा कर देता है
यही जीवन है तो
फिर जी कर क्या करना है
यह विचार मन में आ सकता है लेकिन
इस तरह के नकारात्मक भावों को
मन से निकालकर
कोई चाहे तो
इस जीवन रूपी फल का स्वाद
पूरे आनंद के साथ ले
सकता है
जीवन के घटनाक्रम खुद को
बार बार दोहराते हैं लेकिन
ध्यानपूर्वक कोई देखे तो
हर बार कुछ नये रंग
इसमें उभरकर
दृष्टिपटल के समक्ष आते हैं
जीवन का सफर है
रोमांच से भरा
यह नित नये अनुभव
जिंदगी की डायरी में
जोड़ता है
रोज एक नया करतब
दिखाता है
हर सुबह एक नये दिन की
शुरुआत
एक नये खेल से करता है
मन में रोज एक नई आस
भरता है
तुम्हारे सामने पासे फेंकता
है
तुम्हारे सामने चुनौतियों का
एक किला खड़ा कर देता है
तुम्हारे लिए कोई विकल्प नहीं
छोड़ता
इसके बिना भी
जीवन नीरस है तो
क्यों न इन चुनौतियों को
स्वीकार कर
इनका डटकर मुकाबला
कर
इस खेल को ठीक से खेल ही
लिया जाये
इस जिंदगी के सफर को
जैसे जैसे जो कुछ सामने आता जाये
पूरी ताकत और मनोयोग से
पार कर लिया जाये।