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चर्च तो मेरे बेहद करीब है पर

चर्च या

प्रभु का निवास स्थान या

पूजा घर तो मेरे बेहद करीब है पर

प्रभु को सही तरह से पाने का रास्ता

अभी भी बहुत दूर है

यूं तो मैंने चाहा है

इस दुनिया में

सभी को

सच्चे दिल से,

बहुत शिद्दत से लेकिन

यह मोहब्बत की मंजिल को पाने के रास्ते होते हैं

हर युग में बड़े जटिल

फूलों से भरे हैं ऐसा प्रतीत होता है

यह महज एक भ्रम है

इन्हें पाने के लिए

कांटे भरे रास्तों पर लगातार ही

चलना होता है

मंजिल मिलेगी और

हसीन ही होगी

यह कहना भी

इस मामले में

थोड़ा मुश्किल होता है।