खुशी के पलों को
जब जो जहां से जैसे भी मिलें
जोड़ते रहो
जब जीवन की राह
कभी ऐसा मोड़ ले कि
खुशी कम और दुख अधिक हो तो
बीते हुए इन खुशी से लबरेज
पलों को याद कर लो और
तन्हाई में
इनके साथ मिलकर खिलखिलाकर
हंस लो
यह जिस समय कोई ठोकर खाकर
गिर रहा हो
चोट खा रहा हो
मदद के लिए किसी को पुकार रहा हो और
कोई न हो आसपास तो
घाव पर एक मरहम का काम करते हैं
ऐसा लगता है जैसे
इनका साया साथ है हमारे और
दुख की घड़ी में भी
हम अकेले नहीं
कोई हरदम संग है हमारे
खुशी के पल कोई चाहे कितना भी हो
परेशान
उसे खुश कर ही देते हैं
उसके कंधों से दुख का बोझ
उतारकर
उसे हल्का और
उसकी पीठ कहीं हौले से
थपथपा ही देते हैं
उसके दिल को कुछ अच्छा प्रेरणादायक
समझा देते हैं
उसको गले लगाकर
उसकी आत्मा को
एक रेशम के रुमाल के
अहसास सा
सहला ही देते हैं
खुशी के पल कम सही पर
लगातार आते रहें किसी के
जीवन में
यह खुशी कितनी बड़ी खुशी है और
यह खुशनसीबी हासिल तभी
होती है जब
इसमें दिल से दी गई
लोगों की बेशुमार दुआयें भी शामिल हों
आपके लिए।