आज मैं पता नहीं क्यों
थोड़ी सी उदास हूं
खुशी कहां हो तुम
मेरे पास
मेरे घर आ जाओ
तुम मेरी अपनी हो फिर
क्यों बन जाती कभी कभी
एक अंजान सी
क्यों चली जाती कहीं दूर
मुझे छोड़कर तन्हा
बन जाती एक पहेली सी
आ जाओ एक बार फिर
मेरे पास लौटकर और
बन जाओ मेरी एक सहेली सी
मेरे करीब आकर
मुझे गले लगा लो
मेरे आंसू पोंछ
मुझे हमेशा के लिए
अपना बना लो
मुझे छोड़कर कभी कहीं
मत जाना
मेरे पास ही रहना
मेरे साथ साथ तुम भी
मुस्कुराना
जी लेंगे साथ मिलकर
दोनों
भुलाकर सारे दुख
इस दुख की चिड़िया को
हमेशा के लिए
उड़ा देंगे और
तुम मेरे आंचल तले
सोना ओढ़कर
सुख ही सुख।