किसी के शब्दों में
गर एक सुगंधित महक नहीं होती तो
वह शख्स एक फूलों से लदी हुई
महकती डाल नहीं बल्कि
एक बासी फूलों की बास मारती
एक टोकरी में भरी
नश्तर चुभाती कटार लगता है
किसी की बोली से
उसकी तमीज का पता
चलता है
उसके खानदान का नक्शा
खींचता है
उसके घर का ठिकाना मिलता है
उसके सीने में दिल है या
नहीं
दिल में धड़कन है या नहीं
धड़कन में रवानगी है या नहीं
पता पड़ता है
किसी के मुंह खोलने भर से ही
उसकी पूरी शख्सियत का खाका खींचता है।