किसी मृतक के नाम के आगे
कभी स्वर्गीय मत लगाओ
जीते जी कभी उसे पूछा नहीं
उसकी मृत्यु के पश्चात तो कम से कम उसका सम्मान करो
किसी को मरने ही क्यों देते हो
उसे अपनी यादों में हमेशा जिंदा रखने का प्रयत्न क्यों नहीं करते
कोई पूछे तो बता दो कि कोई जिंदा है या नहीं
इस दुनिया में है कि नहीं
किसी से कभी मुलाकात हो पायेगी या नहीं
किसी के घर का पता बदल गया है और तुम्हें अब उसका
ठिकाना नहीं मालूम लेकिन
किसी के नाम के आगे
स्वर्गीय लगाकर उसकी मृत्यु के समाचार का ढिंढोरा इस
निर्मोही संसार में जब देखो तब
बिना किसी कारण या आवश्यकता के मत पीटो।