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किसी अजनबी का अच्छा व्यवहार आकर्षित करता है

कहीं जो जाना हो

तय करनी हो जो कोई मंजिल तो

सड़क से गुजर कर तो

वहां तक जाना पड़ता है

सबसे पहले तो दिल यह चाहता है कि 

सड़क एक हसीना की पतली कमर सी चिकनी हो जो मुझे

एक झूले में फिसलाती हुई सी

आसानी से मेरा सफर कटवा दे

दूसरा साफ सुथरी हो

एक स्वच्छ दर्पण सी झिलमिलाती हो धूल से पटी न हो अपितु

पेड़ों की हरियाली और

फूलों की सुगंधित झूमती डालियों से घिरी हो

बिजली के खंभों की तारों पर

पक्षी बैठे दिखें

दीवारों पर इश्तिहारों के

पोस्टर चिपके दिखें

आदमी, औरतें, बच्चे

तरह तरह की रंगीन पोशाकों में

सजे मन को लुभाते हैं

पशु, पक्षी, कीट पतंगे

इन सबके बीच विचरते

मानव जाति से ही बनने की चेष्टा करते  

आश्चर्य से भौहें मेरी तनवाते हैं

कहीं कोई मेला

कहीं कोई बारात

कहीं दिखती कोई दुकान सजी

कहीं फल, सब्जियों के ठेले

यह सब कुछ तो सामान्य है पर

सबसे अधिक आकर्षित करता है

किसी अजनबी का मेरे प्रति अच्छा व्यवहार जो

यह सोचने को मजबूर करता है कि मानवता कहीं आज भी जिंदा है

इतनी भाग दौड़ और व्यस्तता

की धका पेल में भी प्रेम लोगों के

दिलों में पलता है

कोई प्रेम के भाव को जब नहीं

पहचानता तभी यह प्रेम से भरे मानव का दिल जलता है।