कांच के बक्से में
बंद हो
एक बुत की तरह
एक चांद से चमक रहे हो
भीड़ के हर चेहरे को
अपनी ओर आकर्षित कर रहे हो
पैसों की बौछार भी हो रही है तुम पर लेकिन
याद रखना
जिस पारदर्शी कांच में कैद
तुम खुद को
स्वतंत्र, सुरक्षित और
सबका प्रेम पाने वाली एक प्यार
भरी वस्तु समझ रहे हो
यह भ्रम केवल तब तक
जीवित रहेगा तुम्हारे मन के
हर कोने में
सांस लेते परिंदों सा
जब तक यही कांच एक दिन
टुकड़ा टुकड़ा टूट कर
तुम्हें अपने नोकों से
चुभाकर घायल करके
अंत में तुम्हारे प्राण हर नहीं लेगा।