ओस की बूंदें
आसमान से गिरती
फूलों पर पड़ती
उनका जैसे हो आलिंगन करती
चांदनी रात में देखो तो
कैसी मोतियों सी चमकती
झिलमिलाती यह सितारों सी भी
कुदरत के सबसे हसीन नजारों सी
परियों की हंसी की गूंज की
किलकारियों सी
रात के सन्नाटों को तोड़ती
जुगनू के लड़ियों की एक
कसमसाहट सी
इनकी बातें लगें
पानी के बुलबुलों की
बुदबुदाहट सी
हवाओं के साथ यह
हिल हिल जायें
रोशनी के अंबारों की
लहराये यह एक सफेद चादर सी
कुछ पलों का जीवन इनका
लेकिन
उसे जी जाती यह
सुंदरता की एक कहानी सी
आसमान से लहराती सी
आती
कुछ समय के लिए ठहरती
फिर न जाने कहां
जमीन में ही समा जाती
बारिश के पानी की
बौछारों सी।