दर्द की नदी
एकदम शांत थी
एकाएक यह अशांत होकर
कहर ढा देगी
यह अनुमान भला किसे था
जो दिखता है
वह होता कहां है
जो घटित होता है
वह कल्पना से परे
एक सोते हुए स्वप्न सा अकल्पनीय होता है
बिना आसमान, बादलों और काली घटाओं के बरस जायेगी बारिश
गिर जायेगी किसी के सिर पर
बिजली और
कर देगी पल भर में
पलक झपकते ही
किसी का जीवन तमाम
यह किसी ने कभी सपने में भी कहां सोचा होता है।