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एक सुख का छाता लगाकर

सुबह उठते ही 

सूर्य की पहली किरण को 

एक खुशी के पेय पदार्थ सा 

पी जाओ और 

दुख एक तेज सूरज के बढ़ते तापमान सा भी 

दिन भर जो तुम्हारे सिर पर 

एक नाग सा फन उठाये तना रहे तब भी 

एक घने पेड़ की छांव सा 

सुख का छाता लगाकर 

दिन भर प्रसन्नचित्र रहो।