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एक रंग बिरंगे सुगंधित फूलों से भरे उपवन में

ऐसा नहीं कि

रंग नहीं है मेरे चारों तरफ लेकिन

यह मेरा ही अंतिम निर्णय है कि

मैं इन रंगों से खेलना नहीं चाहती

मुझे नहीं पसंद कि मैं खुद या

कोई यह रंग मुझ पर डालकर

मुझे इनमें नहला दे

सराबोर कर दे

रंग दे

एक रंगीन दुनिया की चाह नहीं है

मुझे

मुझे अच्छा लगता है

सादगी से इस जीवन को

व्यतीत करना

ऐसा करने से मेरे बहुमूल्य समय की बचत होती है और

उसे मैं फिर लगा पाती हूं

कुछ सार्थक कार्य करने में

मैं तन से, मन से और आत्मा से प्राकृतिक तरीके से सुंदर हूं,

शुद्ध हूं

सबसे बड़ी बात खुद में संतुष्ट

इस दुनिया की नकल मैं नहीं

करती

मैं दर्पण में खुद को देखकर

दिन प्रतिदिन खुद को ही बेहतर

बनाने का प्रयास करती हूं

खुद को मजबूती प्रदान करूंगी

तभी तो दूसरों को भी

थोड़ा बहुत सहारा देकर उनके बुरे समय के

चक्रव्यूह से उन्हें बाहर निकालूंगी

एक रंगीन दुनिया की तो नहीं लेकिन

एक रंग बिरंगे सुगंधित फूलों से भरे उपवन में

अपने से जुड़े लोगों के साथ

टहलकर आने का मन तो अवश्य करता है

कभी कभी।