जब कोई जंग के मैदान में
उतरता है और
वहां की विषम परिस्थितियों से
गुजरकर
जीतकर बखूबी बाहर निकलता है तो
वह एक योद्धा होता है
बुजदिल नहीं बल्कि
बहादुर होता है
दिल एक सूखे पत्ते सा ही
हर समय कांपता रहे तो
इससे लाभ क्या है
फूल सा कोमल दिल हो लेकिन
जरूरत पड़ने पर
वार करने को तैयार
संग हो कांटे का हथियार तो
बात बने और लगे कि
कोई विपरीत समय के
चक्र में अपना यह रूप दिखाने
का भी हौसला रखता है
न सोचे कोई कि
वह कहीं से कमजोर है
कोई स्त्री कभी यह न सोचे कि
वह शारीरिक रूप से
पुरुष से अधिक दुर्बल है
वह तो है एक वीरांगना
मानसिक, आत्मिक, भावनात्मक रूप से या
देखा जाये तो हर तरह से ही
बड़ी बलशाली है
सही अर्थों में बहादुर है
कोई कुछ न सोचे
बस कदम उठाये और
अपने जीवन के
अंतिम श्वास तक
बहादुरी से हर कठिनाई का
सामना करता हुआ
बिना किसी भय के
एक वीर योद्धा सा
जीवन के जंग रूपी
मैदान के मार्ग पर
डटे हुए बिना
पीछे हटे आगे की ओर
बढ़ता चले।