चमेली की सुगन्ध जो
मुझमें भरी
मैं भी चमेली का एक फूल
बन गई
चांदनी रात का साथ पाकर
एक रोशन चांद सी ही
दिल की जमीन पर खिल गई
मेरी सुंदरता और
सुगन्ध पर मोहित है
यह दुनिया सारी
मैंने इसे जिससे पाया
मैं दिल हारी उस पे
चमेली तुम एक पल पहले
मेरे लिए पराई थी
अब अगले ही पल मेरी बन गई
हो
मुझमें समा गई हो
मैंने तुम्हें पा लिया या
तुमने मुझे पा लिया
यह तो शायद हम दोनों को ही
नहीं पता लेकिन
मैंने तुम्हें प्यार किया
तुम्हें दिल से अपनाया
अपना बनाकर हमेशा के लिए
अपने गले लगाया
अब एक बेल सी झूलती रहना
सदैव ही मेरी दिल की बगिया में
और एक सुगन्धित सबा सी ही
लहराती रहना
सदा का एक गीत गुनगुनाते
सदा के लिए।